Khana Khane Ki Dua:-अस्सलामो अलैकुम भाइयो और बहनो इस आर्टिकल में आप पढ़ेंगे ! खाना खाने से पहले कौन सी दुआ पढ़ी जाती है और खाना खाने के बाद में कौन सी दुआ पढ़ी जाती है ! और खाने की दुआ पढ़ना भूल जाए तो फिर क्या पढ़ा जाता है !
खाना खाने (Khana Khane) के मुताल्लिक हुजूर का फरमान –
हुज़ूर रहमतें आलम मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने इरशाद फ़रमाया की खाने को ठंडा कर लिया करो के गरम खाने में बरकत नही है ! हदीस शरीफ़ के एक-एक लफ्ज़ में हक़ीक़त बया की गई है ! आपने हमेशा ग़ौर किया होगा ! कि बिल्कुल ठंडा खाना हो तो हम बहुत कम खाते है ! कुछ गर्म हो तो मीडियम खाते है !
लेकिन जब गर्म-गर्म रोटियां और सब्ज़ी उतर कर आती है ! तो हम आम दिनों के मुक़ाबले कुछ ज्यादा ही रोटियां खा जाते है ! क्योंकि हदीस शरीफ़ में साफ़-साफ़ बयान है ! कि गर्म खाने में बरकत नही होती ! लिहाज़ा जिन भाइयों को बिल्कुल गरमा-गरम खाने का शौक़ है ! वो ज़ुरूर इस पर ग़ौर करे ! और खाने को कुछ ठंडा करके खाये ! इंशा अल्लाह ख़ूब बरकत होगी !
*( मुस्तदरक उल हक़ीम जिल्द-5, सफ़ा-162, हदीस-7207 )*
आम तोर पर खाना खाने से पहले बिस्मिल्लाह पढ़ने का रिवाज़ है ! बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम तो हमें पढ़ना ही है ! और अगर हम भूल जाये तो पूरा खाना खाने से पहले जब भी याद आजाये तब हमे बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहिम पढ़ना जरुरी है ! क्यूंकि जो खाना बगैर बिस्मिल्लाह के खाया जाता है ! शैतान उसमे शरीक हो जाता है ! तो बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम पढ़िए या यु कहे *बिस्मिल्लाहि व अला बरकतिल्लाहि *
और अगर शुरू में बिस्मिल्लाह पढ़ना भूल जाए तो पढ़िए – बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम अव्वल व आखिर
और बिस्मिल्लाह शरीफ के बाद खाना खाने की दुआ भी पढ़ना अफजल है
Khana Khane ki Dua in Hindi
खाना खाने से पहले पढ़ने वाली दुआ |
बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम |
बिस्मिल्लाही व बिल्लाहिल्लज़ी ला यादुर्रोहु मा अस्महि शै उन फील अरदे वला फिलसम्माए या हय्यू या कय्यूम |
तर्जुमा-अल्लाह के नाम से और अल्लाह की मदद से शुरू जिसके नाम के साथ कोई चीज जर्र देने वाली नहीं, न जमीं में न आसमान में ए हय्यू ए कय्यूम |
शुरू में बिस्मिल्लाहपढ़ना भूल जाए तो जब भी याद आ जाये यु कहे
बिस्मिल्लाही फि अव्वलि ह व् आखिरी ह |
तर्जुमा:- अल्लाह के नाम से शुरू इस के शुरू और आखिर में |
खाना खाने के बाद की दुआ
हज़रात अबू सईद खुदरी रदियल्लाहु अन्हु से मरवी है की रसूलुल्लाह सल्लाहु अलैहि व सल्लम जब खाने से फारिग होते तो यह दुआ करते –
खाना खाने के बाद में पढ़ने वाली दुआ |
अल्हम्दु लिल्लाहिल लज़ी अत अमना व सकाना व ज अल ना मिनल मुस्लिमीन |
तर्जुमा:- सब खुबिया अल्लाह त्आला के लिए जिसने हमें खिलाया पिलाया और मुसलमानो में से बनाया |
हज़रात अबू उमामा रदियल्लाहु अन्हु कहते है की हुज़ूरे अक़दस सल्लाहु अलैहि व सल्लम के सामने से जब भी दस्तरखान उठाया जाता था तो आप यह दुआ पढ़ते थे –
दस्तरखान उठाने से पहले पढ़ने वाली दुआ |
अल्हम्दुलिल्लाही हम्दन कसीरन तय्यिबम मुबा-रकन फ़ीहि गै-र मुवद-दअिंव वला मुस्तग्नन अन्हु रब्बना |
( तिर्मिज़ी ज़ि.-2 स.-183 )
मेज़बान के लिए पढ़ने की दुआ
जब किसी के यहाँ खाना खाये या किसी का दिया हुआ अपने यहाँ खाये तो खाना खाने (Khana Khane Ke Bad Ki Dua) के बाद की दुआए पढ़ले फिर उसके बाद यह दुआ भी ख़ास मेज़बान के लिए करे –
मेजबान के लिए पढ़ने वाली दुआ |
अल्लाहुम्म बारीक़ लहुं फीमा र-ज़कतहुम् फग़फिर लहुं वरहमहुम् |
अल्लाहुम्म अतअिम मन अत-अ-मनी वस्कि मन सक़ानी |
Note- अगर कहीं मेहमान बनकर खाना खाने जाए तो जब खाने से फारिग हो जाए तो मेजबान के लिए ये दुआ जरूर पढ़े !
खाना खाने ( Khana Khane ) से पहले जानले
खाने को सुन्नति तरीके से खूब चबाकर खाइये एक निवाले को कम से कम 32 बार चबाकर खाइये !इससे आपका वजन नहीं बढ़ेगा ! और आपके जिस्म में गैस की समस्या नहीं होगी ! और अगर गैस की प्रॉब्लम होगी तो वो भी ठीक हो जायेगी !
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