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Ghar se Nikalne ki Dua ( घर से निकलने की दुआ )

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ghar se nikalne ki dua
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Ghar se Nikalne ki Dua :- हम जब भी घर से निकले अपनों बड़ो से सलाम करके निकले और घर से निकलते वक़्त (Ghar Se Nikalte Waqt Ki Dua) की दुआ पढ़कर घर के बाहर कदम रखे 

अगर आप इस्लाम की हिदायत के मुताबिक अपनी ज़िंदगी गुजारना चाहते हैं ! तो हर काम को अल्लाह के नाम से शुरू करना और उसकी दुआएं पढ़ना एक बहुत बड़ी नेमत है ! खासतौर पर जब हम घर से बाहर निकलते हैं, तो “घर से निकलने की दुआ” (Ghar se Nikalne ki Dua) पढ़ने से हमें अल्लाह की हिफाज़त, रहमत, और बरकत हासिल होती है !

Ghar se Nikalne ki Dua

घर से निकलते वक्त की दुआ
بِسْمِ اللهِ تَوَكَّلْتُ عَلَى اللهِ وَلَا حَوْلَ وَلَا قُوَّةَ إِلَّا بِاللهِ
“बिस्मिल्लाह, तवक्कलतु अलल्लाह, ला हौला वला क़ुव्वता इल्ला बिल्लाह।”
तर्जुमा :- अल्लाह के नाम से (घर से निकलता हूँ), मैंने अल्लाह पर भरोसा किया, और (मुझे पता है कि) ताकत और क़ुव्वत सिर्फ अल्लाह के पास है।

 

घर से निकलने की दुआ”

  1. अल्लाह की हिफाज़त:
    यह दुआ पढ़ने से अल्लाह हमारी हर तरह की मुसीबतों और नजर-ए-बद से हिफाज़त करता है।
  2. सुकून और इत्मिनान:
    जब हम यह दुआ पढ़ते हैं, तो हमारा दिल सुकून से भर जाता है। यह दुआ हमें अल्लाह पर भरोसा करना सिखाती है।
  3. ईमान की मज़बूती:
    यह दुआ हमारे तक़वा और ईमान को बढ़ाती है। हमें यह एहसास दिलाती है कि अल्लाह ही हर चीज़ का मालिक है।
  4. नजर-ए-बद से बचाव:
    घर से निकलते समय यह दुआ पढ़ने से हम बुरी नजरों से महफूज़ रहते हैं।

Ghar se Nikalne ki Dua ( दुआ सिखाने की अहमियत)

यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इन दुआओं को सिर्फ खुद तक न रखें ! बल्कि अपने बच्चों और परिवार के सदस्यों को भी सिखाएं ! यह उनके लिए भी हिफाज़त और रहमत का जरिया बनेगा !


निष्कर्ष

घर से निकलते और दाखिल होते समय दुआ पढ़ना हमारी जिंदगी का एक जरूरी हिस्सा होना चाहिए ! ये हमें अल्लाह की पनाह और रहमत का एहसास दिलाता है ! दुआ पढ़ने से ना सिर्फ हमें हिफाज़त मिलती है ! बल्कि यह हमारी रूह को सुकून और ईमान को ताकत देती है !

तो जब भी आप घर से निकलें, “घर से निकलने की दुआ” (Ghar se Nikalne ki Dua) जरूर पढ़ें और अल्लाह पर भरोसा रखें।

بِسْمِ اللّٰہِ تَوَکَّلْتُ عَلَی اللّٰہِ لَاحَوْلَ وَلَاقُوَّةَ اِلَّابِاللّٰہِ۔

اللہ تعالیٰ کے نام کے ساتھ گھر سے نکلتا ہوں،اللہ تعالیٰ پر میں نے بھروسہ کیا ،گناہوں سے بچنے اور عبادت کرنے کی توفیق اللہ تعالیٰ ہی دیتے ہیں۔

I depart with Allah’s name, relying on Him. It is Allah who saves us from sins with His guidance (the ability to do so)

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