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Dua e Qunoot in Hindi (दुआए क़ुनूत)

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Dua e Qunoot – अस्सलामो अलैकुम मेरे प्यारे प्यारे भाईओ और बहनो इस पोस्ट में आप देखेंगे दुआए क़ुनूत हिंदी (Dua e Qunoot Hindi) में तर्जुमा के साथ ! और साथ ही आप की सुविधा के हिसाब से हमने दुआए क़ुनूत (Dua e Qunoot) की 3 इमेज इस पोस्ट में अपलोड की है 

Dua e Qunoot in Hindi – दुआए क़ुनूत

वैसे दुआए क़ुनूत ( Dua e Qunoot ) या किसी भी दुआ को अरबी भाषा में ही पढ़ने की कोशिश करनी चाहिए ! लेकिन हम हिंदी भाषी है ! और हमें दुआए क़ुनूत ( Dua-e-Qunut ) नहीं आती है ! तब दुआए क़ुनूत ( Dua e Qunoot Hindi) हिंदी में या इंग्लिश में पढ़कर बहुत अच्छे से समझा जा सकता है ! 

अब जान लेते है दुआए क़ुनूत ( Dua e Qunoot ) याद होना क्यों जरुरी है ? असल में दुआए क़ुनूत बहुत ही अफजल दुआ है ! और इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते है की दुआ ए क़ुनूत ( Dua e Qunoot ) को वित्र की नमाज़ में वाज़िब करार दे दिया 

कब पढ़ी जाती है दुआए क़ुनूत ?

ईशा के वक़्त जब वित्र वाज़िब नमाज़ पढ़ते है ! तब दुआए क़ुनूत ( Dua e Qunut ) पढ़ी जाती है ! तीसरी रकात में सूरह फातिहा और कोई सूरह पढ लेते हैं ! तब आपको रुकू में जाने से पहले कानों तक हाथ उठाना होता है ! फिर अल्लाहु-अक्बर कहते हुए फिर से हाथ बाँध कर दुआए क़ुनूत ( Dua e Qunut ) पढनी होती है ! 

दुआए क़ुनूत भूल गए तो क्या नमाज़ होगी ?

अगर आप वित्र की तीसरी रकअत में दुआए क़ुनूत ( Dua e Qunoot ) पढना भूल जाते हैं ! तो आपको सजदए सहव करना पड़ेगा 

सजदए सहव करने का तरीका 

जब आप  वित्र की तीसरी रकअत में दुआए क़ुनूत ( Dua e Qunoot ) पढना भूल गए तब आप पहले बैठकर अत्ताहिय्यात पढ़ेंगे ! और फिर आप एक सलाम फेरेंगे और दूसरा सलाम ना फेरते हुए एक बार फिर से दो सजदे करेंगे ! ( सजदों में सजदों की तस्बीह ही पढ़ना है  ) और फिर अत्ताहिय्यात दुआए मासुरा और दुरूदे इब्राहिम पढ़कर सलाम फेरेंगे 

दुआए क़ुनूत याद नहीं हो तो क्या पढ़े ?

अगर किसी को दुआए क़ुनूत ( Dua e Qunoot ) याद नही हो तो जल्द से जल्द याद करने की कोशिश करना चाहिए ! और केवल जब तक याद न हो जाए तब तक दुआए क़ुनूत की जगह ये दुआ पढ़ना चाहिए  

رَبَّنَا آتِنَا فِي الدُّنْيَا حَسَنَةً وَفِي الآخِرَةِ حَسَنَةً وَقِنَا عَذَابَ النَّارِ
हिन्दी में : रब्बना आतिना फिद दुनिया हसनतव वफिल आखिरति हसनतव वकिना अज़ाबन नार
English : Rabbana Aatina Fid-Dunya Hasanatanw Wa-fil Aakhirati Hasanatanw Waqina Azaaban Naar

 

तर्जुमा- ऐ हमारे रब्ब हमें दुनिया में नेकी और आख़िरत में भी नेकी दे और हमें दोज़ख ले अज़ाब से बचा।

दुआए क़ुनूत रमज़ान में 

1. रमज़ान ( Ramzan) में वित्र की नमाज़ ( vitra ki namaz ) जमात से पढने की इजाज़त दी गयी है ! बाक़ी दिनों में इसकी इजाज़त नहीं है

वित्र की नमाज़ अगर रात में न पढ़ सके ! तो फ़ज़्र से पहले तहज्जुद के वक़्त पढ़ लेना चाहिए ! 

2. रमज़ान मुबारक में जब आप ईशा की नमाज़ और तरावीह की नमाज़ ( taraweeh ki namaz ) पढ़ने के लिए मस्जिद में तशरीफ़ ले जाते है ! तब अगर किसी कारण से आप थोड़ा मुक़र्रर वक़्त से देरी से पहुँचते है ! 

और तब तक अगर ईशा की फ़र्ज़ नमाज़ में आप शामिल नहीं हो सके हो ! तब आप तरावीह की नमाज़ तो जमाअत से पढ़ेंगे ! मगर वित्र की नमाज़ पढ़ते वक़्त जमाअत में शामिल नहीं होंगे और वित्र वाज़िब नमाज़ अलग से पढ़ेंगे !

Dua-e-Qunoot in Arabic

اَللَّهُمَّ إنا نَسْتَعِينُكَ وَنَسْتَغْفِرُكَ وَنُؤْمِنُ بِكَ وَنَتَوَكَّلُ عَلَيْكَ وَنُثْنِئْ عَلَيْكَ الخَيْرَ وَنَشْكُرُكَ وَلَا نَكْفُرُكَ وَنَخْلَعُ وَنَتْرُكُ مَنْ ئَّفْجُرُكَ اَللَّهُمَّ إِيَّاكَ نَعْبُدُ وَلَكَ نُصَلِّئ وَنَسْجُدُ وَإِلَيْكَ نَسْعأئ وَنَحْفِدُ وَنَرْجُو. رَحْمَتَكَ وَنَخْشآئ عَذَابَكَ إِنَّ عَذَابَكَ بِالكُفَّارِ مُلْحَقٌ

 

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दुआ-ए-क़ुनूत हिंदी – DUA E QUNOOT HINDI

अल्लाहुम्मा इन्ना नस्तईनु क व नस-तग़-फिरू- क व  नु’अ मिनु बि-क व न तवक्कलु अलै-क व नुस्नी अलैकल खैर * व नश कुरु-क वला नकफुरु-क व नख्लऊ व नतरुकु मैंय्यफ-जुरूक * अल्लाहुम्मा इय्या का न अ बुदु व ल-क- नुसल्ली व नस्जुदु व इलै-क नस्आ व नह-फिदु व नरजू रह-म-त-क व नख्शा अज़ा-ब-क इन्ना अज़ा-ब-क बिल क़ुफ़्फ़ारि मुलहिक़ *
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Dua e Qunoot In English

Allah humma inna nasta-eenoka wa nastaghfiruka 
wa nu’minu bika wa natawakkalu alaika wa nusni
alaikal khair, wa nashkuruka wala nakfuruka 
wa nakhla-oo wa natruku mai yafjuruka, 
Allah humma iyyaka na’budu wa laka nusalli wa
nasjud wa ilaika nas aaa wa nahfizu wa narju rahma
taka wa nakhshaa azaabaka inna azaabaka bil kuffari mulhik. 

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दुआ ए क़ुनूत का हिंदी तर्जुमा

दुआ ए क़ुनूत का हिंदी तर्जुमा भी ज़रूर पढ़ें ! अगर आप ऊपर अरबी में दुआ ए क़ुनूत को याद नहीं कर सकते हैं तो फिर आप इस के तर्जुमा को ज़रूर पढ़ें ! अल्लाह अज्जावजल आप को और हमें इसका सवाब अता फरमाए

तर्जुमा – ऐ अल्लाह, हम तुझ से मदद चाहते हैं ! और तूझ से माफी मांगते हैं तुझ पर ईमान रखते हैं ! और तुझ पर भरोसा करते हैं ,और तेरी बहुत अच्छी तारीफ करते हैं और तेरा शुक्र करते हैं और तेरी ना सुकरी नहीं करते और अलग करते हैं और छोड़ते हैं ! इस शख्स को जो तेरी नाफरमानी करें. 

ऐ अल्लाह, हम तेरी ही इबादत करते हैं और तेरे लिए ही नमाज़ पढ़ते हैं ! और सजदा करते हैं और तेरी तरफ दौड़ते और झपटते हैं ! और तेरी रहमत के उम्मीदवार हैं और तेरे आजाब़ से डरते हैं, ! बेशक तेरा आजाब़ काफिरों को पहुंचने वाला है.

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