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Shab e Meraj ki Dua in Hindi ( दुआ ए शबे मेराज )

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shab e meraj ki dua
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Shab e Meraj ki Dua – अस्सलामो अलैकुम भाइयो और बहनो इस आर्टिकल में हमने मेराज शरीफ की मुबारक रात यानी की शब ए मेराज की इबादत और शबे मेराज में पढ़ने वाली दुआ के वारे में बताया है ! लिहाजा खुद भी अमल करे और सवाब की नियत से अपने सभी मिलने वालो को भी शेयर करके बताये !

मेराज़ शरीफ का चमत्कार और उसकी खासियतें

शब ए मेराज – मेराज़ शरीफ (Shab-e-Meraj) इस्लाम में एक महत्वपूर्ण और बेमिसाल घटना है। इसे चमत्कारों का संगम (जामिउल मोजिजात) कहा जाता है। इस रात का महत्व और इसके संदेश न केवल आध्यात्मिक बल्कि जीवन सुधारने के लिए भी प्रेरक हैं।

मेराज़ शरीफ की पवित्र (पाक) रात

जब महीने की 27वीं रात वह मुबारक रात है ! जब अल्लाह तआला ने अपने प्यारे नबी हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम को अपनी खास मुलाकात के लिए बुलाया ! इस रात, आप मक्का से बयतुल मुक़द्दस (यरुशलम) पहुंचे ! जहां तमाम नबियों ने आपका स्वागत किया ! आपने सभी नबियों को दो रकात नमाज़ पढ़ाई !

इसके बाद, हज़रत जिब्राईल अलैहिस्सलाम के साथ सातों आसमानों को पार करते हुए आप अर्श पर पहुंचे और फिर वहां से आगे अकेले गए ! वहाँ आपने अपने रब के दीदार का सौभाग्य प्राप्त किया और पांच वक्त की नमाज़ों का तोहफा लेकर मक्का लौटे।

Shab e Meraj ki Dua Amal Aur Ibadat

मेराज़ की रात को इबादत और दुआओं के लिए बेहद खास माना गया है ! इस रात किए गए निम्न अमल के कई लाभ बताए गए हैं:

1. नफ्ल नमाज़

  • 12 रकात नफ्ल (2-2 रकात की नियत से):
    हर रकात में सूरह अल-हम्द के बाद 5 बार क़ुल हूवल्लाहु अहद पढ़ें। नमाज़ के बाद 100 बार तीसरा कलमा, 100 बार इस्तिग़फार और 100 बार दुरूद शरीफ पढ़ें।
  • 6 रकात नफ्ल (2-2 रकात की नियत से):
    हर रकात में सूरह अल-हम्द के बाद 5 बार क़ुल हूवल्लाहु अहद पढ़ें। नमाज़ के बाद 100 बार दुरूद शरीफ पढ़ने से गुनाह माफ होंगे और दुआएं कबूल होंगी।

2. रोज़ा रखना

रजब की 27वीं तारीख को रोज़ा रखना बहुत फज़ीलत वाला है। हदीस में है कि जो इस दिन रोज़ा रखेगा, उसे जन्नत की नहर का मीठा और ठंडा शरबत मिलेगा।

ये भी पढ़िए – शबे मेराज का रोज़ा रखने की दुआ

3. Shab e Meraj Ki Dua दुआ और तस्बीह

100 बार यह तस्बीह पढ़ें
सुब्हानल्लाहि वल-हम्दुलिल्लाहि वला इलाहा इल्लल्लाहु वल्लाहु अकबर
100 बार यह तस्बीह पढ़ें
अस्तग़फिरुल्लाहा रब्बी मिन कुल्ली ज़म्बिं व अतूबु इलैह

 

  • यह तस्बीह पढ़कर दुआ मांगें, इंशाअल्लाह आपकी दुआ कबूल होगी !

इस रात की फजीलत

  • हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फरमाया ! कि जो इस रात में इबादत करेगा, उसके लिए सौ साल की नेकियों का सवाब लिखा जाएगा।
  • रजब की पहली, 15वीं और 27वीं तारीख को गुस्ल करने से गुनाह माफ होते हैं।

संदेश

मेराज़ शरीफ केवल एक चमत्कार नहीं ! बल्कि यह हमें जीवन के हर क्षेत्र में अल्लाह की राह पर चलने ! और नेक अमल करने की प्रेरणा देता है !  इस रात की इबादत और दुआ से दुनियावी और आखिरत की कामयाबी हासिल की जा सकती है !

अल्लाह हमें इस मुबारक रात की फजीलत को समझने और इसका भरपूर लाभ उठाने की तौफीक अता फरमाए।

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